सुब्रह्मण्यम ने कहा कि विदेशी निवेशक भारत के बाजार और लागत प्रतिस्पर्धात्मकता की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं. हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि व्यापार करने में आसानी बढ़ाने के लिए नौकरशाही को कम करना जरूरी है, और “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” के सिद्धांत पर फोकस रखना चाहिए.