कश्मीर में कोर्ट की अवहेलना पड़ी भारी, हिरासत में भेजे गए वरिष्ठ JKAS अधिकारी

कश्मीर में कोर्ट की अवहेलना पड़ी भारी, हिरासत में भेजे गए वरिष्ठ JKAS अधिकारी

जम्मू कश्मीर पुलिस ने अनंतनाग के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के निर्देश पर वेरीनाग विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का प्रभार संभाल रहे एक वरिष्ठ जेकेएएस अधिकारी को हिरासत में ले लिया है. उप-न्यायाधीश अनंतनाग, फिरोज अहमद खान की अदालत के आदेश पर कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने एम. रऊफ रहमान को हिरासत में ले लिया है.

उप-न्यायाधीश ने हमीदुल्लाह बवानी बनाम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर एवं अन्य नामक याचिका संख्या 147/ईपी (केस संख्या 133/2023) की सुनवाई करते हुए अनंतनाग जिला जेल के अधीक्षक और अनंतनाग के एसएचओ को आदेश दिया.

कोर्ट ने कहा कि अधिकारी एम. रऊफ रहमान पुत्र हाजी अब्दुर रहमान गनई के रूप में हुई है, उनको 15 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में ले लिया जाए. बता दें कि 15 अक्टूबर मामले की अगली सुनवाई की तारीख है. कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह अगली सुनवाई की तारीख पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारी को अदालत के समक्ष पेश करे.

सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने बाद में अधिकारी को हिरासत में ले लिया और प्रक्रिया के अनुसार उसे मेडिकल जांच के लिए एक स्थानीय अस्पताल ले गई. इससे पहले, 9 सितंबर को, कोर्ट ने अनुपालन न होने पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि सीईओ ने 4 मार्च 2025 के आदेश के आधार पर जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब देने की भी जहमत नहीं उठाई. आदेश में आगे कहा गया था, चार मार्च 2025 के आदेश की तामील के बावजूद, कोई कारण नहीं बताया गया है. इसका मतलब है कि उनके पास यह बताने का कोई कारण नहीं है कि उन्हें गिरफ्तार करके सिविल जेल में क्यों न रखा जाए.

मीर मैदान, दोरू निवासी, डिक्रीधारक हमीदुल्लाह बवानी ने अधिवक्ता फैयाज अहमद सोडागर के माध्यम से राष्ट्रीय लोक अदालत में पारित 14 मार्च, 2015 के फैसले के क्रियान्वयन और 17 नवंबर, 2018 के बाद के आदेश को लागू करने की मांग की थी.

पिछले महीने की कार्यवाही के दौरान, अनंतनाग के उपायुक्त और कलेक्टर भूमि अधिग्रहण के वकील, जो कि निर्णय ऋणी संख्या 2 और 3 के रूप में उपस्थित हुए, उन्होंने प्रस्तुत किया कि यह निर्णय ऋणी संख्या 4 है, जिसे इस न्यायालय द्वारा पारित डिक्री के अनुसार जमा/भुगतान करना है. प्रस्तुतियों पर ध्यान देते हुए, न्यायालय ने कहा कि यह निर्णय ऋणी संख्या 4 है, जिसे निर्णय और डिक्री के तहत प्रदान की गई राशि को डिक्रीधारक को जमा/भुगतान करना है.

निरंतर गैर-अनुपालन पाते हुए, कोर्ट ने सितंबर में वेरीनाग विकास प्राधिकरण द्वारा ट्रेजरी, डूरू के साथ संचालित ट्रेजरी खाते (शीर्षक संख्या एसएन.72) को कुर्क करने का आदेश दिया और निर्देश दिया कि ट्रेजरी अधिकारी, डूरू, उपर्युक्त खाता शीर्ष के संबंध में निर्णय देनदार संख्या 4 के किसी भी बिल पर विचार नहीं करेंगे. इसके अलावा, कोर्ट ने सीईओ के खिलाफ 50,000 रुपए का जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया और वेरीनाग पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) को इसे निष्पादित करने और जल्दी वापस करने का निर्देश दिया.

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