क्या अब कबूतर तय करेंगे सत्ता की कुर्सी पर कौन बैठेगा? मुंबई में कबूतरख़ाना विवाद से जन्मी नई राजनीतिक पार्टी

आयोजकों का कहना है कि यह आंदोलन सिर्फ़ कबूतरों या जीवदया तक सीमित नहीं है, बल्कि यह धर्म, नीति और परंपरा की रक्षा का मामला है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह आने वाले बीएमसी चुनावों से पहले नया “धार्मिक वोट बैंक” बनाने की कोशिश है.

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