गोवा शिपयार्ड ने ‘आईसीजीएस अक्षर’ जहाज तटरक्षक बल को सौंपे, समुद्री सुरक्षा को मिलेगी नई ताकत

गोवा शिपयार्ड ने ‘आईसीजीएस अक्षर’ जहाज तटरक्षक बल को सौंपे, समुद्री सुरक्षा को मिलेगी नई ताकत

गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) ने आईसीजीएस अक्षर तटरक्षक बल को सौंपे. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत बनाई गई 8 अत्याधुनिक फास्ट पेट्रोल वेसल्स (FPVs) की श्रृंखला की दूसरी जहाज़ आईसीजीएस अक्षर को भारतीय तटरक्षक बल को सौंपा गया है.

यह जहाज़ 51.43 मीटर लंबा और 8 मीटर चौड़ा है, जिसका वजन करीब 330 टन है. इसमें दो मरीन डीजल इंजन लगे हैं जो कंट्रोल करने योग्य पिच प्रोपेलर (CPP) से जुड़े हैं. यह तकनीक इस श्रेणी में पहली बार इस्तेमाल की गई है, जिससे जहाज़ की स्पीड और संचालन क्षमता काफी बढ़ जाती है. यह जहाज़ 27 नॉट्स से ज्यादा की रफ्तार पकड़ सकता है और 1,500 नॉटिकल मील तक बिना रुके सफर कर सकता है.

अभियानों में निभाएगा अहम भूमिका

आईसीजीएस अक्षर में 6 अधिकारी और 35 नाविक तैनात रहेंगे. यह जहाज़ कई मामलों में अहम भूमिका निभाएगा. यह मत्स्य संरक्षण, एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक ज़ोन (EEZ) की निगरानी, तटीय गश्त, तस्करी रोकने, समुद्री डकैती से निपटने और खोज एवं बचाव अभियानों में अहम भूमिका निभाएगा.

गोवा शिपयार्ड ने कहा कि आईसीजीएस अक्षर का सौंपना न सिर्फ समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि भी है.

कौन-कौन रहा मौजूद

इस समारोह में ब्रजेश कुमार उपाध्याय, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक; रियर एडमिरल नेल्सन डिसूज़ा, एनएम, आईएन (रिटायर), निदेशक (ऑपरेशंस), डीआईजी वी.के. परमार, पीडी (एमएटी) और कमांडेंट (जेजी) शुभेंदु चक्रवर्ती, कमांडिंग ऑफिसर, आईसीजीएस अक्षर सहित भारतीय तटरक्षक बल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

आत्मनिर्भर भारत में अहम कदम

जैसे-जैसे भारत दुनिया में एक बड़े जहाज़ निर्माण केंद्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है, वैसे-वैसे गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) भी अहम योगदान दे रहा है. जीएसएल लगातार रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रहा है, नई तकनीक और इनोवेशन पर काम कर रहा है और साथ ही देश की ब्लू इकोनॉमी यानी समुद्र से जुड़ी अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाने में बड़ी भूमिका निभा रहा है.

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