
मध्य प्रदेश के जबलपुर के गोहलपुर थाना क्षेत्र के मनमोहन नगर अस्पताल परिसर में रविवार को हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया. लापरवाही की कीमत दो मासूमों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी. 10 साल का कान्हा विश्वकर्मा और उसका 12 साल का भाई विनायक विश्वकर्मा क्रिकेट खेलते समय झाड़ियों में गिरी गेंद उठाने गए थे. झाड़ियों के नीचे खुले पड़े सरकारी अस्पताल के सेप्टिक टैंक में बच्चे गिर गए.
इस हादसे में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दुख जताते हुए पीड़ित परिवार को चार-चार लाख रुपए नकद राशि देने की घोषणा की है.
जानकारी के अनुसार दोनों बच्चे त्रिमूर्ति नगर की गली नंबर 4 के निवासी थे और मनमोहन नगर स्थित सामुदायिक अस्पताल के पास खेल रहे थे. वहां अस्पताल परिसर में झाड़ियों के बीच एक खुला सेप्टिक टैंक बना हुआ था, जिसके ऊपर कोई सुरक्षा कवर नहीं था. जैसे ही बच्चे गेंद लेने झाड़ियों में घुसे, वे अनजाने में सेप्टिक टैंक में जा गिरे. स्थानीय लोगों ने शोर सुनकर मौके पर पहुंचकर उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन तब तक दोनों मासूमों ने दम तोड़ दिया था.
इलाके में छाया मातम
घटना की खबर फैलते ही पूरे इलाके में मातम छा गया. परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. दोनों बच्चे सगे भाई थे, और परिवार के इकलौते बेटे थे. इस घटना ने लोगों में गुस्सा और आक्रोश पैदा कर दिया है. स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल परिसर में इस तरह से खुले सेप्टिक टैंक का होना सीधे तौर पर प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है.
हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही
घटना की सूचना मिलते ही गोहलपुर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की. एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि यह एक बेहद दर्दनाक घटना है और प्रारंभिक जांच में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है. उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.