जिंदगी नाजुक है, मजबूत रिश्ते इसे संवारते हैं, साहित्य इसका जरिया: कली पुरी

साहित्य आजतक यानी कला, साहित्य और संगीत का एक ऐसा समागम का जो अगले तीन दिन तक अलग-अलग विधाओं के दिग्गजों से रूबरू होने का मौका देगा. इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और एग्जीक्यूटिव एडिटर इन चीफ कली पुरी ने इस आयोजन की शुरुआत करते हुए कहा कि इस साल हुईं तमाम घटनाएं हमें एक ही बात सिखाती हैं- जिंदगी सफर है सुहाना, यहां कल क्या हो किसने जाना.

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