टिकट का गड़बड़झाला, दावेदारों का हाईवोल्टेज ड्रामा, नामांकन के अंतिम दिन से पहले INDIA ब्लॉक में बढ़ी कलह

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने में अब केवल आज का दिन शेष है, लेकिन महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) के भीतर असंतोष और मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस दोनों प्रमुख घटक दलों में टिकट वितरण को लेकर नाराज दावेदारों ने नेतृत्व पर टिकट बेचने तक के आरोप लगा दिए हैं.

छह सहयोगी दलों वाले इस बहुदलीय गठबंधन ने अब तक मुख्यमंत्री पद के चेहरे और सीट बंटवारे का अंतिम फार्मूला भी स्पष्ट नहीं किया है. इस बीच आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद अपने आवास पर लगातार प्रत्याशियों को पार्टी का चुनाव चिह्न दे रहे हैं, जिससे संगठन के भीतर असंतोष और बढ़ गया है.

आरजेडी नेता ने की बगावत

आरजेडी महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष रितु जायसवाल ने पार्टी के आधिकारिक प्रत्याशी के खिलाफ स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में परिहार सीट से नामांकन करने की घोषणा कर दी है. उन्होंने फेसबुक पर किए गए पोस्ट में भावनात्मक अंदाज में लिखा कि परिहार सीट से आरजेडी प्रत्याशी स्मिता पूर्वे के ससुर रामचंद्र पूर्वे 2020 के चुनाव में उनकी हार के लिए जिम्मेदार थे. रामचंद्र पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं.

पटना स्थित 10, सर्कुलर रोड बंगला रविवार को टिकट के दावेदारों और समर्थकों से खचाखच भरा रहा. जिनके नाम तय हुए वे जश्न मनाते नजर आए, जबकि उपेक्षित दावेदार आक्रोश प्रकट करते दिखे. यह सरकारी बंगला पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को आवंटित है और अब आरजोडी का कार्यकारी कार्यालय बन गया है.

टिकन न मिलने पर फूट-फूटकर रोए

मधुबन सीट से पिछला चुनाव मामूली अंतर से हार चुके मदन प्रसाद साह टिकट नहीं मिलने की खबर सुनते ही रोने लगे. उन्होंने गुस्से में अपने कपड़े फाड़ डाले और सड़क पर लोटने लगे. रोते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वह 1990 के दशक से लालू प्रसाद के समर्थक रहे हैं और 2020 का चुनाव लड़ने के लिए अपनी जमीन तक बेच दी थी.

तेजस्वी यादव को बताया अहंकारी

मदन साह ने तेजस्वी यादव पर तीखा हमला करते हुए उन्हें अहंकारी बताया और आरोप लगाया कि टिकट एक बीजेपी एजेंट को दिया गया है क्योंकि आरजेडी के एक राज्यसभा सदस्य ने अमित शाह से सौदा कर लिया है. उनकी इस हरकत पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा, लालू जी को चाहिए कि अपने घर के दरवाजे बंद रखें, कहीं ऐसा न हो कि गुस्साए कार्यकर्ता उनके कपड़े फाड़ दें.

इसी तरह, बाराचट्टी सीट से टिकट की उम्मीद लगाए बैठी एक अन्य दावेदार उमा देवी भी 10, सर्कुलर रोड के बाहर रोती नजर आईं. उन्होंने कहा, मैं 2005 से पार्टी से जुड़ी हूं. लालू जी, राबड़ी जी, मीसा दीदी और तेजस्वी भैया-सभी ने भरोसा दिलाया था कि मुझे टिकट मिलेगा. लेकिन टिकट ऐसे व्यक्ति को दे दिया गया है जो पैराशूट से उतरा है.

लालू प्रसाद यादव पर विश्वास जताया

हालांकि उमा देवी ने टिकट के बदले धन लेन-देन के आरोप नहीं लगाए, लेकिन दोनों ने ही लालू प्रसाद पर विश्वास जताया और बगावत से इनकार किया. कांग्रेस में भी स्थिति बेहतर नहीं रही. पार्टी के कसबा से मौजूदा विधायक मोहम्मद अफाक आलम को चौथी बार टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने सार्वजनिक रूप से असंतोष जताया. संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने आरोप लगाया कि कटिहार के एक मौजूदा विधायक ने व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते उनका नाम कटवाया.

कांग्रेस के बिहार प्रभारी को ठहराया जिम्मेदार

इस बीच एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रही है, जिसकी प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं हो सकी है. इसमें कथित रूप से आलम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार राम के बीच हुई बातचीत सुनी जा सकती है. क्लिप में राम ने पूरी गड़बड़ी के लिए एआईसीसी के बिहार प्रभारी कृष्ण अल्लावरु को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि वह पुर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव की सलाह पर काम कर रहे हैं, जिनकी पत्नी रंजीत रंजन छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य हैं.

एनडीए में भी सबकुछ ठीक नहीं

उधर, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में भी सब कुछ ठीक नहीं दिखा. जेडीयू ने अमौर सीट से पूर्व सांसद साबिर अली को उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर अचानक सबको चौंका दिया था, लेकिन जल्द ही पार्टी ने यह निर्णय वापस ले लिया क्योंकि मौजूदा प्रत्याशी सबा जफर पहले ही नामांकन दाखिल कर चुके थे और पर्चा वापस लेने के मूड में नहीं थे.

इस बीच एनडीए ने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों से उसका चुनाव अभियान अगले हफ्ते से रफ्तार पकड़ लेगा. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के अनुसार, पीएम मोदी 24 अक्टूबर को समस्तीपुर में पहली चुनावी रैली करेंगे और उसी दिन बेगूसराय में दूसरी सभा को संबोधित करेंगे.

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