
महाराष्ट्र के सभी सरकारी अस्पतालों के करीब 30 हजार रेजिडेंट डॉक्टर आज से हड़ताल पर जाएंगे. डॉक्टरों की यह हड़ताल सतारा जिले में डॉक्टर संपदा मुंडे की आत्महत्या के मामले को लेकर है. रेजिडेंट डॉक्टरों की प्रमुख मांग है कि इस पूरे मामले की जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में गठित विशेष जांच दल (SIT) से की जाए.
डॉक्टरों ने मांग की कि डॉ. मुंडे के परिवार को न्याय मिले और उनके एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए. डॉक्टरों ने यह भी मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं, इसके लिए राज्य सरकार ठोस कदम उठाए.
सरकारी अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं आज बंद
हड़ताल के चलते राज्यभर के सभी सरकारी अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं आज से बंद रहेंगी, हालांकि इमरजेंसी और एडमिट मरीजों का इलाज पहले की तरह जारी रहेगा. इससे पहले, संभाजीनगर में रविवार शाम रेजिडेंट डॉक्टरों ने कैंडल मार्च निकालकर डॉ. संपदा मुडे को श्रद्धांजलि दी और SIT जांच की मांग को दोहराया. रेजिडेंट डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाती, हड़ताल जारी रहेगी.
डॉ. संपदा मुंडे के पैतृक गांव का दौरा
बता दें कि डॉ. संपदा मुंडे के आत्महत्या नोट में कथित तौर पर एक पुलिस उप-निरीक्षक और उनके मकान मालिक के बेटे का नाम लिया गया था. न्याय की इस लड़ाई में पूर्ण समर्थन का आश्वासन देने के लिए डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिवंगत डॉ. संपदा मुंडे के पैतृक गांव का दौरा किया और उनके परिवार से मुलाकात की.
सरकार को खुली चेतावनी
सेंट्रल मार्ड ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की, तो बाकी सभी चिकित्सा सेवाएं भी निलंबित कर दी जाएंगी. डॉक्टरों ने कहा है कि इस विरोध प्रदर्शन के कारण यदि मरीजों को कोई असुविधा होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी. उन्होंने प्रतिज्ञा ली है कि जब तक डॉ. संपदा मुंडे को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.