दिल्ली CM का हरमंदिर साहिब में ‘शुकराना’, पूरी कैबिनेट संग जाएंगी गोल्डन टैंपल

दिल्ली CM का हरमंदिर साहिब में ‘शुकराना’, पूरी कैबिनेट संग जाएंगी गोल्डन टैंपल

ऐतिहासिक लाल किला के प्रांगण में गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय ‘गुरमत समागम’ के भव्य व सफल आयोजन पर ‘शुकराना’ अदा करने के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने तैयारी की है. सीएम अपनी पूरी कैबिनेट के साथ सोमवार 8 दिसंबर को अमृतसर स्थित हरमिंदर साहब (गोल्डन टैंपल) जाएंगी और वहां माथा टेकेंगी.

मुख्यमंत्री का कहना है कि दरबार साहब के आशीर्वाद से ही राजधानी दिल्ली में इतना बड़ा धार्मिक आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है. तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में करीब 6 लाख श्रद्धालुओं ने शिरकत कर गुरु साहिब का आशीर्वाद प्राप्त किया था, जो एक रिकॉर्ड है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु साहिब को ‘शुकराना’ अर्पित करने का यह कदम दिल्ली सरकार की ओर से सिख समुदाय के प्रति सम्मान और दिल्ली की सांझी विरासत को नमन भी है, कि कठिन समय में भी गुरु की रोशनी मार्गदर्शन करती है और सबको एकसूत्र में बांधती है.

राष्ट्रपति और गृहमंत्री गुरु साहिब को किया नमन

मुख्यमंत्री ने बताया कि लाल किला पर 23 से 25 नवंबर को तीन दिवसीय गुरमत समागम स्वतंत्र भारत के सबसे भव्य और ऐतिहासिक धार्मिक आयोजनों में एक के रूप में स्थापित हुआ. इस आयोजन की गरिमा को उस समय और अधिक विस्तार मिला जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व गणमान्यों ने लाल किला पहुंचकर गुरु साहिब को नमन किया. गणमान्य अतिथियों ने अपने संदेशों में गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को भारतीय सभ्यता के नैतिक स्तंभ के रूप में बताया.

मेगा कीर्तन दरबार में गुरु बाणी

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस गुरमत समागम की प्रमुख विशेषताओं में भव्य कीर्तन दरबार, ऐतिहासिक शहीदी यात्रा, संग्रहालय में लगी प्रदर्शनी, लाइट एंड साउंड शो रहे. देश-विदेश से आए रागी जत्थों द्वारा आयोजित मेगा कीर्तन दरबार में गुरु बाणी के मधुर कीर्तन ने वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया. संगतों ने बड़े श्रद्धा भाव से अखंड पाठों में भाग लिया और श्री सहिज पाठों की लड़ी के पूर्ण होने पर गुरुवाणी का सामूहिक उच्चारण किया.

संगतों की व्यापक मांग पर उठाया कदम

सीएम ने बताया कि आयोजन में गुरु तेग बहादुर साहिब जी के पवित्र स्वरूप को गुरुद्वारा शीशगंज साहिब से पालकी में विराजमान कर ऐतिहासिक लाल किले तक लाया गया. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि संगतों की व्यापक मांग पर दिल्ली सरकार ने संग्रहालय की प्रदर्शनी एवं लाइट एंड साउंड शो की अवधि बढ़ाकर 30 नवंबर तक कर दी थी, ताकि अधिक से अधिक लोग इस ऐतिहासिक प्रस्तुति से जुड़ सकें.

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