
2025 भारत के विकास सफर का एक निर्णायक अध्याय है. इंफ्रास्ट्रक्चर के हर आयाम में – रेल, सड़क, विमानन, समुद्री क्षेत्र और डिजिटल क्षेत्र में – इस साल भारत की विकास महत्वाकांक्षाओं ने करोड़ों नागरिकों के लिए वास्तविकता का रूप धारण किया. सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों से लेकर देश के सबसे बड़े शहरी केंद्रों तक, संपर्क मजबूत हुआ, दूरियां कम हुईं और आकांक्षाओं को स्टील, कंक्रीट और ट्रैक का सहारा मिला.
वित्त वर्ष 2025-26 में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सरकार का पूंजी निवेश बढ़कर ₹11.21 लाख करोड़ (लगभग $128.64 बिलियन अमेरिकी डॉलर) हो गया है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.1% है. वहीं, भारत के 2047 तक हर 12-18 महीनों में सकल घरेलू उत्पाद में $1 ट्रिलियन की वृद्धि का अनुमान है. इंफ्रास्ट्रक्चर से आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ गई है और 2025 वह साल है जब इसके स्पष्ट परिणाम दिखने लगे हैं.
पहली बार भारत के राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ा मिजोरम
- मिजोरम के भारत के राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क में शामिल होने से इतिहास रचा गया है. यह पूर्वोत्तर के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और राज्य के लोगों की लंबे समय से चली आ रही आकांक्षा को पूरा करती है. इस उपलब्धि के साथ, मिजोरम भारत के रेलवे मानचित्र पर आ गया है. 8,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से निर्मित 51 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन ने स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार आइजोल को सीधे भारत के राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ा है.
- मिजोरम की आबादी के लिए आपातकालीन सेवाएं, सैन्य रसद, नागरिक स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और रोजगार के अवसर – सभी में एक ही रेलवे लाइन से महत्वपूर्ण बदलाव आया है. इतना ही नहीं, पहली माल ढुलाई 14 सितंबर, 2025 को हुई, जब असम से आइजोल के लिए 21 सीमेंट वैगन भेजे गए. बांस, बागवानी और विशेष फसलों जैसे स्थानीय कृषि उत्पाद अब सड़क परिवहन की लागत के बिना अखिल भारतीय बाजारों तक पहुंच सकते हैं.
विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का उद्घाटन
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के अंतर्गत विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल, चेनाब पुल के उद्घाटन के साथ भारत के इंजीनियरिंग कौशल ने नई ऊंचाइयों को छुआ है. इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने कश्मीर घाटी को देश के शेष भाग से हर मौसम में चलने वाली रेल कनेक्टिविटी से जोड़ दिया है, जिससे एक लंबे समय से चले आ रहे राष्ट्रीय लक्ष्य को साकार किया गया है.
तमिलनाडु में भारत के पहले वर्टिकल-लिफ्ट समुद्री पुल का उद्घाटन
- 2025 में भारत की इंफ्रास्ट्रक्चर की कहानी समुद्र तक भी पहुंच गई है. प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु में नए पंबन पुल का उद्घाटन किया.
- नया पंबन पुल भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल है और यह तकनीकी प्रगति और अद्वितीय डिजाइनों के लिए जाने जाने वाले विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त अन्य पुलों से समानता रखता है. इनमें अमेरिका का गोल्डन गेट ब्रिज, लंदन का टॉवर ब्रिज और डेनमार्क-स्वीडन का ओरेसंड ब्रिज शामिल हैं.
भारत का पहला कंटेनर ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह
प्रधानमंत्री ने 8,900 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित ‘विझिंजम अंतर्राष्ट्रीय गहरे पानी के बहुउद्देशीय बंदरगाह’ का उद्घाटन किया. यह देश का पहला समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह है, जो विकसित भारत की एकीकृत परिकल्पना के अंतर्गत भारत के समुद्री क्षेत्र में हो रही क्रांतिकारी प्रगति का प्रतीक है.
बिहार में पहली वंदे मेट्रो का शुभारंभ
- बिहार की पहली वंदे मेट्रो, जिसे नमो भारत रैपिड रेल के नाम से भी जाना जाता है, का शुभारंभ जयनगर को पटना से जोड़ने के लिए किया गया है, जिससे क्षेत्रीय संपर्क में सुधार हुआ है.
- अपनी तरह की पहली, पूरी तरह से वातानुकूलित और बिना आरक्षण वाली यह ट्रेन पटना केवल साढ़े पांच घंटे में पहुंचती है, जबकि मौजूदा ट्रेनों से लगभग आठ घंटे लगते हैं.
जम्मू-कश्मीर में जेड-मोरह सुरंग
- 2025 में, प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में रणनीतिक जेड-मोरह सुरंग का उद्घाटन किया, जो एक महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना है और सोनमर्ग से साल भर संपर्क सुनिश्चित करती है तथा लद्दाख क्षेत्र तक पहुंच को मजबूत बनाती है.
- श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर हिमस्खलन-संभावित हिस्सों को बाईपास करने के लिए निर्मित यह सुरंग नागरिक आवागमन, पर्यटन प्रवाह और आपातकालीन पहुंच में उल्लेखनीय सुधार करती है, साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा रसद के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक संपत्ति के रूप में भी कार्य करती है.
जम्मू से श्रीनगर तक पहली बार सीधी रेल कनेक्टिविटी
● प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उच्च तकनीक से लैस वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन किया गया, जिससे जम्मू से श्रीनगर तक रेल द्वारा पहली बार सीधी कनेक्टिविटी संभव हो पाई है.
दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम
दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का अंतिम खंड पूर्ण वाणिज्यिक परिचालन के लिए खुल गया है, जिससे दिल्ली के सराय काले खान से मेरठ के मोदीपुरम तक 82.15 किलोमीटर का मार्ग पूरा हो गया है. आरआरटीएस महानगरीय यात्रा को एक नया रूप देता है. ये 180 किमी/घंटा की गति वाले कॉरिडोर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए भारत के दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो शहरी मेट्रो और अंतर-शहरी रेल के बीच कठोर अंतर से परे जाकर विभिन्न दूरियों के लिए अनुकूलित तीव्र पारगमन की एक विस्तृत श्रृंखला की ओर अग्रसर है.
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण के उद्घाटन के साथ भारत की विमानन क्षमता में एक महत्वपूर्ण उछाल आया है. इस उपलब्धि से मुंबई के मौजूदा एयरपोर्ट पर दबाव कम हुआ है और यात्री एवं माल ढुलाई में होने वाली अगली वृद्धि के लिए भारत की तैयारी मजबूत हुई है.
नौसेना इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए महत्वपूर्ण साल
2025 नौसेना इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी एक ऐतिहासिक वर्ष रहा. अगस्त 2025 में, भारत ने 75% से अधिक स्वदेशी घटकों से निर्मित दो स्टील्थ फ्रिगेट, आईएनएस हिमगिरी और आईएनएस उदयगिरी को शामिल किया. यह पहली बार है कि दो प्रतिष्ठित भारतीय शिपयार्ड से दो प्रमुख सतह युद्धपोतों को एक ही समय में कमीशन किया जा रहा है.
बेंगलुरु में येलो लाइन सेवाओं का शुभारंभ
प्रधानमंत्री ने आर.वी. रोड (रागीगुड्डा) मेट्रो स्टेशन पर येलो लाइन मेट्रो सेवाओं का उद्घाटन किया, जो बेंगलुरु के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट को इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी के तकनीकी केंद्र से जोड़ती है.
आखिरी छोर तक बिजली
मई 2025 में, छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित मोहला-मनपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के 17 दूरस्थ गांवों को आजादी के बाद पहली बार ग्रिड बिजली मिली, जिससे 540 परिवारों को लाभ हुआ.
कटेझारी, गढ़चिरोली में पहली बस पहुंची
2025 में, महाराष्ट्र के गढ़चिरोली में स्थित नक्सल प्रभावित आदिवासी गांव कटेझारी को आजादी के बाद पहली बार बस परिवहन सुविधा मिली. और गांव के निवासी बस के आगमन का जश्न मनाते हैं.
कोंडापल्ली में मोबाइल नेटवर्क पहुंचा
दिसंबर 2025 में, छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के कोंडापल्ली गांव में आजादी के बाद पहली बार एक मोबाइल टावर स्थापित किया गया. यह इलाका लंबे समय से बाहरी दुनिया से कटा हुआ था.
अब 160 से अधिक एयरपोर्ट
भारत का आसमान पहले से कहीं अधिक व्यस्त हो गया है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बनकर उभरा है. हवाई अड्डों की संख्या 2014 में 74 से बढ़कर 2025 में 163 हो गई. वहीं, 2047 में भारत की आजादी के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में, सरकार का लक्ष्य तब तक एयरपोर्ट्स की संख्या 350-400 तक बढ़ाना है.
99% रेलवे विद्युतीकरण
भारतीय रेलवे अपने लगभग पूरे ब्रॉड-गेज नेटवर्क के विद्युतीकरण को पूरा करने के करीब है, 99% से अधिक का विद्युतीकरण पहले ही हो चुका है और शेष हिस्सों का विद्युतीकरण भी जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है. हाल के वर्षों में काम की गति असाधारण रही है.
तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क
भारत का मेट्रो नेटवर्क 2014 में 248 किमी से बढ़कर 2025 में 1,013 किमी हो गया है. भारत अब विश्व के तीसरे सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क के रूप में गर्व से खड़ा है, जो शहरी परिवहन विस्तार में इसकी तीव्र प्रगति को दर्शाता है.
सड़कें एवं राजमार्ग
देश में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की लंबाई मार्च 2019 में 1,32,499 किमी से बढ़कर वर्तमान में 1,46,560 किमी हो गई है. 4 लेन और उससे अधिक के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की लंबाई 2019 में 31,066 किमी से बढ़कर 43,512 किमी हो गई है, जो 1.4 गुना वृद्धि है.