बीच रास्ते पर खड़ी थी गाड़ी, अंदर बैठे थे TI साहब… SSP भी फंस गए जाम में; फिर हुआ ये एक्शन

बीच रास्ते पर खड़ी थी गाड़ी, अंदर बैठे थे TI साहब… SSP भी फंस गए जाम में; फिर हुआ ये एक्शन

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में यातायात व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन लगातार दावे करता है, लेकिन शुक्रवार देर रात एक ऐसी लापरवाही सामने आई जिसने सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) धर्मवीर सिंह खुद ट्रैफिक जाम में फंस गए. जब इसकी वजह तलाश की गई तो चौंकाने वाला मामला सामने आया. बीच सड़क पर थाना प्रभारी की कार खड़ी थी और वे खुद अंदर बैठे थे.

दौलतगंज क्षेत्र से गुजरते समय SSP धर्मवीर सिंह ने देखा कि सड़क पर न ट्रैफिक पुलिस मौजूद है और न ही यातायात का कोई प्रबंधन. टू व्हीलर चालक रॉन्ग साइड से निकलने को मजबूर थे. जैसे ही जाम के कारणों का पता लगाया गया, तो सामने आया कि एक कार मुख्य मार्ग के बिल्कुल बीच में खड़ी है. जब वाहन के अंदर झांका गया, तो पता चला कि तिघरा थाना प्रभारी शिवकुमार शर्मा अपने स्टाफ के साथ सिविल ड्रेस में कार के अंदर बैठे हुए थे.

नहीं मिला संतोषजनक जवाब

जब SSP ने टीआई से पूछा कि बिना सूचना थाने से अनुपस्थित रहकर इस तरह सड़क पर गाड़ी खड़ी करने की क्या वजह है? तो वह कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए. इस पर SSP ने मौके पर ही फटकार लगाई और तत्काल प्रभाव से टीआई को लाइन अटैच करने के आदेश दे दिए. इस कार्रवाई के दौरान मौजूद स्टाफ को भी चेतावनी दी गई.

SSP बोले – लापरवाही बर्दाश्त नहीं

घटना के बाद SSP धर्मवीर सिंह ने स्पष्ट कहा कि त्योहारी सीजन में ट्रैफिक प्रबंधन में किसी भी प्रकार की कोताही स्वीकार नहीं की जाएगी. उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि मुख्य सड़कों पर अवैध पार्किंग और अतिक्रमण के मामलों में तुरंत कार्रवाई की जाए. SSP ने यह टिप्पणी भी की कि कई बार अधिकारियों के निजी वाहन ही यातायात बाधा का कारण बनते हैं, इसलिए ऐसे मामलों में भी सख़्ती बरती जाएगी.

जागरूकता और जवाबदेही पर जोर

शहर में दीपावली और अन्य पर्वों को देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है. SSP ने ट्रैफिक पुलिस, थाना प्रभारियों और बीट स्टाफ को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन क्षेत्रों में भीड़ की संभावना है, वहां निगरानी, बैरिकेडिंग और फील्ड प्रेजेंस सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी खुद निरीक्षण करेंगे और लापरवाही पर तुरंत कार्रवाई होगी.

इस पूरी घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि शहर की यातायात व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए केवल योजनाएं नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और अनुशासन की आवश्यकता है. SSP की इस सख्त कार्रवाई के बाद पुलिस विभाग में हलचल देखी जा रही है और अन्य अधिकारियों के लिए भी यह एक चेतावनी मानी जा रही है.

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