भारत से जुड़ी अमेरिकी नीति में बदलाव पर भारतीय समुदाय चुप क्यों? स्थायी समिति की बैठक में बोले शशि थरूर

भारत से जुड़ी अमेरिकी नीति में बदलाव पर भारतीय समुदाय चुप क्यों? स्थायी समिति की बैठक में बोले शशि थरूर

विदेश मंत्रालय से संबंधित संसद की स्थायी समिति की बैठक मंगलवार को हुई. बैठक में भारत दौरे पर आए अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी बाद में शामिल हुए. इस दौरान अमेरिका द्वारा हाल ही में भारत के खिलाफ टैरिफ और H-1B वीजा के मामले को भी उठाया गया. बैठक के दौरान ट्रंप सरकार के फैसलों के पर भारतीय-अमेरिकी प्रवासियों की चुप्पी का भी जिक्र किया गया.

दरअसल अमेरिका से विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के पांच कांग्रेस सदस्य भारत के दौरे पर हैं. बैठक में अमेरिकी प्रतिनिधियों ने भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती और लचीलापन को स्वीकारा पर साथ ही अमेरिकी सरकार के H-1B वीज़ा शुल्क को बढ़ाने पर चिंता भी जताई.

50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का मुद्दा भी उठाया

बैठक में ईरान के चाबहार बंदरगाह और भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का मुद्दा भी उठाया गया. कुछ अमेरिकी सांसदों ने इन निर्णयों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की आलोचना भी की. बैठक के बाद संसदीय समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा कि समिति में ये चर्चा हुई कि भारतीय-अमेरिकी प्रवासी भारत के खिलाफ अमेरिकी सरकार के इन फैसलों पर इतने चुप क्यों हैं.

ये पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद एमी बेरा के नेतृत्व में आया है. थरूर ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण संदेश जो इस बातचीत से सामने आया वह यह था कि अमेरिका, विशेष रूप से अमेरिकी कांग्रेस, भारत के साथ संबंधों और रणनीतिक साझेदारी को लेकर गहराई से प्रतिबद्ध है.

भारत के समर्थन में खड़े होने के लिए दबाव

थरूर ने कहा कि हमें भारतीय-अमेरिकी समुदाय से यह कहना चाहिए कि अगर आप अपनी मातृभूमि के साथ अपने रिश्ते की परवाह करते हैं, तो उसके लिए आवाज भी उठाइए, संघर्ष कीजिए और अपने राजनीतिक प्रतिनिधियों पर भारत के समर्थन में खड़े होने के लिए दबाव डालिए.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर साधा निशाना

समिति के सदस्य और कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से कहा कि यह शर्मनाक है कि ट्रंप पाकिस्तान के सेना प्रमुख मुनीर को आमंत्रित करते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री को नहीं. यह पूरी तरह से बेशर्मी है कि ट्रंप प्रोटोकॉल की परवाह नहीं करते. उनके स्तर के व्यक्ति को प्रोटोकॉल के अनुसार लोगों को आमंत्रित करना चाहिए.

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