मैंने अपने समाज के लिए सब कुछ झोंक दिया… मुकेश सहनी बोले-हमारा लक्ष्य बिहार में बदलाव हो

मैंने अपने समाज के लिए सब कुछ झोंक दिया… मुकेश सहनी बोले-हमारा लक्ष्य बिहार में बदलाव हो

बिहार में गुरुवार को विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होना है. ऐसे में विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने फेसबुक पर लाइव आकर अपने समर्थकों से भावुक अपील की. अपनी अपील में मुकेश सहनी रोने लगे. मुकेश साहनी ने यहां तक कहा कि मैं अपनी संपत्ति बेच दी. मैंने अपने समाज के लिए सब कुछ झोंक दिया. मेरा बच्चा कब बड़ा हुआ मुझे पता ही नहीं चला. अब हमारा वक्त आ गया है. मेहनत कीजिए. मुकेश सहनी ने कहा कि हम सभी ने गंगाजल लेकर ‘आरक्षण नहीं तो वोट नहीं’ का संकल्प लिया था मैं अपने वचन पर आज भी कायम हूं.

सहनी ने फेसबुक लाइव में भावुक होते हुए कहा कि मेरे पास कई विकल्प थे. इससे सुख-सुविधा मिल सकती थी. अब आपको सोचना है कि आप अपने वचन को कितना निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं 11 साल से संघर्ष कर रहा हूं. आजाद भारत में जो किसी ने नहीं किया, वह मैंने कर दिखाया. आज निषाद के चेहरे पर चुनाव हो रहा है. आज प्रधानमंत्री बनने वाले निषाद के साथ मछली मार रहे हैं. आज निषाद का बेटा टिकट बांट रहा है. 14-15 सीटों में से नौ सीट अति पिछड़ा समाज से आए समाज के लोगों को टिकट दिया, जिसमें आठ निषाद हैं. एनडीए ने 243 सीट में से आठ सीट निषाद को नहीं दिया. यह चुनाव यह साबित करेगा कि आप आगे संघर्ष कर पाएंगे या नहीं?

बिहार में बदलाव हो

मुकेश सहनी ने कहा जंग अभी जारी है. हम जीते नहीं हैं. संघर्ष अभी भी जारी है. हमारा लक्ष्य बिहार में बदलाव हो, महागठबंधन की सरकार बने. मुझे पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और नीतीश कुमार को हराना है. जब तक आप एक बार नहीं हराएंगे, तब तक यह मत सोचिए कि आरक्षण मिल जाएगा. हम इस लड़ाई को जीतने के लिए जान भी देनी पड़े तो देंगे. कल मैंने अपने भाई को पीछे कर लिया.

‎मुकेश सहनी ने कहा कि आज समय आ चुका है कि यह साबित कीजिए कि हम जुब्बा सहनी के वंशज हैं, जिसने धोखा दिया, जिसने हमारे विधायकों को छीना, उसे हराइए. यह साबित करें कि हम जो सोचेंगे, वह कर के दिखाएंगे. मैं खुद लड़ाई लड़कर यहां तक पहुंच चुका हूं. अब आपको भी साथ आना पड़ेगा. निषाद का बेटा उपमुख्यमंत्री बनेगा.

आपके सहयोग से यहां तक पहुंचा हूं

मुकेश सहनी ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि आप साथ देते हैं तो जो हमलोग सोचे हैं, वह पूरा होगा. मैं जहां पहुंचा हूं, वहां आपके सहयोग से ही पहुंचा हूं. उन्होंने भावुक होकर कहा कि निषाद के वोट में बिखराव नहीं हो, यह सुनिश्चित करना है. यह अंतिम रात है. आप मेरे परिवार हैं और आप ही के लिए लड़ाई लड़ रहा हूं. इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाइये. मुझे खुद के लिए पैसे की आवश्यकता नहीं है. परिवार आगे बढ़े यही मेरी चाहत है.

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