रफ्तार पर रखें लगाम, यमुना एक्सप्रेस-वे पर ये हैं वो ब्लैक स्पॉट; जहां कोहरा ले लेता है जान

रफ्तार पर रखें लगाम, यमुना एक्सप्रेस-वे पर ये हैं वो ब्लैक स्पॉट; जहां कोहरा ले लेता है जान

सर्दी के मौसम की शुरुआत होते ही गौतम बुद्ध नगर जिले में यमुना एक्सप्रेस-वे औरईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे एक बार फिर सड़क हादसों के लिहाज से संवेदनशील हो गया है. घना कोहरा, तेज रफ्तार और ड्राइवरों की लापरवाही के चलते एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ रहा है. वर्ष 2024 और 2025 जनवरी से नवंबर तक के आंकड़े बताते हैं कि भले ही प्रशासनिक प्रयासों से मौतों की संख्या में कुछ कमी आई हो, लेकिन हादसों का सिलसिला अभी पूरी तरह थमा नहीं है.

अनुमानित आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में यमुना एक्सप्रेस-वे पर कुल 1,165 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 362 लोगों की मौत दर्ज की गई, जबकि 803 लोग घायल हुए. वहीं, वर्ष 2025 के जनवरी से नवंबर तक 797 दुर्घटनाओं में 33 लोगों की मौत और 764 लोग घायल हुए. हालांकि ये आंकड़े पिछले तीन सालों में बेहद कम हुए हैं. अधिकारियों का कहना है कि पिछले वर्षों की तुलना में मौतों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है, जो सुरक्षा उपायों के असर को दर्शाती है.

कोहरा और ओवरस्पीडिंग सबसे बड़ी वजह

DCP ट्रैफिक प्रवीण रंजन ने बताया कि सर्दियों में घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी बेहद कम हो जाती है. इसके बावजूद कई वाहन चालक तय गति सीमा से अधिक रफ्तार में वाहन चलाते हैं. ट्रैफिक रिपोर्ट के अनुसार, ओवरस्पीडिंग यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसों का सबसे बड़ा कारण बनी हुई है. केवल 2025 के शुरुआती महीनों में ही 59 हजार से अधिक ओवरस्पीडिंग चालान जारी किए गए.

संवेदनशील क्षेत्र और थाना इलाके

अधिकारियों के मुताबिक, यमुना एक्सप्रेस-वे पर दनकौर, जेवर, टप्पल, जीरो पॉइंट और जितने भी कट हैं, उनको हाई-एक्सीडेंट जोन (ब्लैक स्पॉट) माना जाता है. खासकर सुबह और रात के समय इन इलाकों में कोहरा हादसों का खतरा कई गुना बढ़ा देता है. वहीं इस बार घने कोहरे को देखते हुए रात में भारी वाहनों को न चलाने की ज्यादा अपील की गई है.

प्रशासन और अथॉरिटी के सख्त कदम

हादसों को रोकने के लिए यमुना प्राधिकरण और ट्रैफिक पुलिस द्वारा कई कदम उठाए गए हैं. सर्दी के मौसम में स्पीड लिमिट घटाई गई है. अब 15 दिसंबर से सभी वाहनों की स्पीड लिमिट 75 कर दी गई है. इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस द्बारा रात में पेट्रोलिंग, बड़े वाहनों में रिफ्लेक्टर टेप भी लगाए जा रहे हैं. कोहरे के दौरान लगातार अनाउंसमेंट कर वाहन चालकों को सावधान किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में और कड़े कदम उठाए जाएंगे, ताकि सर्दियों के मौसम में सड़क हादसों को न्यूनतम किया जा सके.

ईस्टर्न पेरिफेरल पर घने कोहरे में सबसे ज्यादा हादसे

सर्दी बढ़ते ही घने कोहरे में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. बीते कुछ दिनों में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं इसी एक्सप्रेस-वे पर दर्ज की गई हैं. कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम हो जाती है, लेकिन इसके बावजूद तेज रफ्तार वाहनों का चलना लगातार गंभीर हादसों की वजह बन रहा है. इसका मुख्य कारण ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर भारी वाहनों ट्रक, ट्रेलर और कंटेनर का दबाव सबसे बड़ा फैक्टर है.

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यह एक्सप्रेस-वे कई औद्योगिक और लॉजिस्टिक जोन को जोड़ता है. इसी वजह से यहां दुर्घटनाओं की आशंका ज्यादा रहती है. पिछले एक साल के अनुमानित हादसे के आंकड़े की अगर बात की जाए तो कुल सड़क दुर्घटनाएं लगभग 850 से 950 के बीच हुईं, जिसमें 280 के आसपास लोगों की जाने गई और 700 से अधिक लोग घायल हुए. ये आंकड़े गौतम बुद्ध नगर से जुड़े हुए हैं. इसमें अगर विभिन्न थाना क्षेत्रों की बात की जाए तो दादरी, बादलपुर, कासना और डासना ब्लैक स्पॉट हैं, जहां दुर्घटना सबसे ज्यादा देखी गई हैं.

पुलिस की वाहन चालकों से अपील

पुलिस ने वाहन चालकों से अपील की है कि वे कोहरे में धीमी गति से वाहन चलाएं, सुरक्षित दूरी बनाए रखें, फॉग लाइट का उपयोग करें और थकान की स्थिति में वाहन न चलाएं. थोड़ी सी सावधानी न केवल आपकी, बल्कि दूसरों की जान भी बचा सकती है.

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