
मध्यप्रदेश के जबलपुर में आज मानस भवन परिसर में आयोजित पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति सम्मेलन में उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब कार्यक्रम में बिक रही कुछ पुस्तकों को लेकर विवाद भड़क उठा. आरोप है कि सम्मेलन के दौरान हिंदू विरोधी और आपत्तिजनक किताबों की बिक्री की जा रही थी. हिंदूवादी संगठन के अनूप ठाकुर अपने कुछ कार्यकर्ताओं के साथ पुस्तकों को खरीदकर कार्यक्रम में पहुंचे और आपत्ति जताई. पुस्तक बेचने वाले कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट कर दी. जिसके बाद वह भागते हुए अंदर चले गए. इसी दौरान धक्का-मुक्की और बहसबाजी शुरू हो गई.
हंगामा बढ़ने पर कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं की जमकर पिटाई कर दी. जिसके बाद स्थिति और बिगड़ गई. इसके बाद कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों ने बजरंग दल कार्यकर्ताओं की जमकर पिटाई कर दी. मारपीट करते हुए अंदर से बाहर सड़क तक ले गए और सड़कों पर खदेड़ दिया. जैसे ही इस बात की जानकारी पुलिस के आला अफसरो को लगी बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और पूरे एरिया को छावनी में तब्दील कर दिया.
हिंदूवादी संगठनों का आरोप है कि सच्ची रामायण और पोल खोल पुराण नामक पुस्तक में भगवान राम, माता सीता और हनुमान जी के बारे में अश्लील और आपत्तिजनक टिप्पणियां लिखी थीं. उनका आरोप है कि आपत्ति जताने पर पुस्तक बेचने वालों ने गाली-गलौज की, भीड़ बुलाकर हमला किया, पुलिसकर्मियों के साथ भी मारपीट की गई और वर्दी खींचने तक की नौबत आ गई. संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि हमलावरों पर FIR दर्ज नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. वहीं सुरक्षा को देखते हुए शहर के सभी थाने के पुलिस बल को बुलाया गया और मानस भवन के आस-पास भारी पुलिस बल तैनात किया गया. फिलहाल हिंदू संगठन सामाजिक कार्यकर्ता पुलिस थाने में बैठे हुए हैं और अपनी एफआईआर दर्ज करा रहे हैं.
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के सहसंयोजक सुमित सिंह ठाकुर ने कहा कि यह एक कथित गैंग है जो कार्यक्रमों में घुसकर ऐसी पुस्तकें बांटता है और हिंदू समाज को लड़ाने की साजिश रच रहा है. विरोध के दौरान उनके तीन कार्यकर्ता घायल हो गए, जिन पर हमला किया गया. उन्होंने स्थानीय विधायक से भी अपील की कि वे पुस्तक पढ़कर स्थिति समझें. अगर इसके बाद भी वह इन पुस्तकों को संविधान की पुस्तक बताते हैं तो वह इन्हें बार-बार फाड़ेंगे.
विधायक ने लगाया आरोप
कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं पर संविधान की पुस्तक फाड़ने का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह सब प्रशासन की शह पर हुआ है और इसे मनुवादी सोच का षड्यंत्र बताया. घनघोरिया के अनुसार, संघी विचारधारा के लोगों ने प्रशासन के साए में संविधान की प्रतियां फाड़ीं. जबकि संविधान की पुस्तक बेचने के लिए किसी लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती.
पुलिस कर रही कार्रवाई
वही पूरे मामले में एडिशनल एसपी सिटी आयुष गुप्ता का कहना है कि मानस भवन में कुशवाहा समाज का कार्यक्रम चल रहा था. जहां कुछ बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने विवादित पुस्तक की बिक्री का आरोप लगाते हुए आपत्ति जताई. इसी दौरान कहासुनी और मारपीट हुई. घायल लोगों को अस्पताल भेजा गया है. पुलिस ने दोनों पक्षों से बातचीत की है और वीडियो व शिकायतों के आधार पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी.