मणिपुर में जल जीवन मिशन में हुआ घोटाला…कांग्रेस का आरोप, कहा- कोर्ट की निगरानी में हो जांच

मणिपुर में जल जीवन मिशन में हुआ घोटाला…कांग्रेस का आरोप, कहा- कोर्ट की निगरानी में हो जांच

कांग्रेस ने मणिपुर में जल जीवन मिशन के तहत सैकड़ों करोड़ रुपSके बड़े घोटाले का पर्दाफाश करते हुए कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग उठाई है. पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र प्रायोजित योजना जल जीवन मिशन के तहत कई सौ करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है. ऐसे में कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच की जाए. कांग्रेस ने कहा कि मणिपुर में जल जीवन मिशन को लेकर सरकारी स्तर पर जो दावे किए जा रहे हैं जमीनी हकीकत उसके विपरीत है. पार्टी ने कहा कि इसमें बड़ा घोटाला होने के स्पष्ट संकेत हैं इसलिए इस मामले की व्यापक स्तर पर न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए.

दिल्ली क इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुएइनर मणिपुर से पार्टी सांसद अंगोमचा बिमोल अकोईजाम ने खुलासा किया कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के आंकड़े दावा करते हैं कि राज्य में करीब 80 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल का पानी उपलब्ध कराया गया है, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी कार्य नहीं हुआ है.

‘दावों और जमीनी हकीकत में फर्क है’

अकोईजाम ने बताया कि उन्होंने कई गांवों का दौरा करके सरकारी रिकॉर्ड में किए गए दावों की व्यक्तिगत रूप से जांच और सत्यापन करने का प्रयास किया था. उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि आधिकारिक दावों और जमीनी हकीकत में गंभीर विसंगतियां हैं. कांग्रेस नेता ने बताया कि उन्होंने जिन गांवों का दौरा किया, वहां एक भी घर में नल से पानी की आपूर्ति नहीं हो रही थी. उन्होंने कहा कि पाइप तक नहीं बिछाए गए थे और उनके द्वारा यह मामला उठाए जाने के बाद ही प्रशासन ने पाइप बिछाने का काम शुरू किया है.

‘सरकार ने राज्य को लूटा’

उन्होंने बताया कि यह सरकार के अपने ही दावों को झुठलाता है. नेता ने कहा कि एक ओर तो सरकार दावा करती है कि उसने काम पूरा कर लिया है और लोगों को नल से जल उपलब्ध करा दिया है, जबकि वास्तव में पाइप बिछाने का काम अब शुरू किया गया है. बीजेपी सरकार को घेरते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य को ऐसे समय में लूटा गया, जब वह एक दुखद दौर से गुजर रहा था और हर जगह हिंसा हो रही थी.

कांग्रेस नेता ने कहा कि विभिन्न गांवों में उनके दौरों से पहले भी अलग-अलग जिलों से कई शिकायतों में इसी तरह की अनियमितताओं को उजागर किया गया था।. उन्होंने आगे कहा कि बार-बार सामने आने वाली ये विसंगतियां सार्वजनिक धन के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग, जवाबदेही की कमी और कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा निगरानी तंत्र की विफलता की ओर इशारा करती हैं.

कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

अकोईजाम ने कहा कि उन्होंने मणिपुर हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है, जिसमें राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि जनहित याचिका में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत और उपयोग की गई धनराशि का जिलेवार व्यापक ऑडिट करने, घर-घर नल कनेक्शन के दावों का सत्यापन करने और सुरक्षित पेयजल तक पहुंच को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के मौलिक अधिकार का हिस्सा माने जाने की मांग की गई है, जिसके तहत राज्य भर में प्रत्येक घर को प्रतिदिन न्यूनतम दो घंटे नल से जल की आपूर्ति की गारंटी हो.

error

Enjoy this blog? Please spread the word :)

RSS
Follow by Email
Pinterest
LinkedIn
Share
Telegram
WhatsApp
Reddit
Scroll to Top