चंडीगढ़ हड़पने से केंद्र को रोकने के लिए एकजुट हो पंजाब, कांग्रेस ने दी चेतावनी

चंडीगढ़ हड़पने से केंद्र को रोकने के लिए एकजुट हो पंजाब, कांग्रेस ने दी चेतावनी

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और सीनियर कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने शनिवार को पंजाब में सभी राजनीतिक दलों के बीच एकता का आह्वान किया क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार चंडीगढ़ के संबंध में एक अत्यंत संवेदनशील संशोधन पेश करने की तैयारी कर रही है. बाजवा ने कहा कि हाल की रिपोर्टों के अनुसार, केंद्र राजनीतिक रूप से आरोपित संविधान (131वां संशोधन) विधेयक का प्रस्ताव कर रहा है, जिसका उद्देश्य कई अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की तरह केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को भी संविधान के अनुच्छेद 240 के तहत लाना है.

वर्तमान में, चंडीगढ़ का प्रशासन पंजाब के राज्यपाल द्वारा किया जाता है, लेकिन यह संशोधन एक स्वतंत्र, केंद्र द्वारा नियुक्त प्रशासक द्वारा इसके प्रशासन का मार्ग प्रशस्त करेगा, जिससे पंजाब की राजधानी पर ऐतिहासिक और भावनात्मक दावे को प्रभावी रूप से कमजोर किया जा सकेगा. इस कदम को ‘पंजाब पर एक और हमला’ करार देते हुए बाजवा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जानबूझकर चंडीगढ़, नदी जल और पंजाब यूनिवर्सिटी पर पंजाब के वैध अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास कर रही है.

केंद्र सरकार का पंजाब विरोधी एजेंडा अब छिपा नहीं

उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का पंजाब विरोधी एजेंडा अब छिपा नहीं है. चूंकि पंजाबी बीजेपी को सत्ता में नहीं लाते हैं, इसलिए केंद्र राज्य को दंडित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है. यह मानसिकता बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, भेदभावपूर्ण और पूरी तरह से अस्वीकार्य है.

अन्यायपूर्ण फैसलों का सफलतापूर्वक विरोध

बाजवा ने याद दिलाया कि जब भी पंजाबी एकजुट होते हैं, उन्होंने किसान आंदोलन और पंजाब विश्वविद्यालय बचाओ मोर्चा को लोगों की ताकत का स्पष्ट उदाहरण बताते हुए अन्यायपूर्ण फैसलों का सफलतापूर्वक विरोध किया है. उन्होंने कहा कि ‘पंजाबियों के लिए एक बार फिर हाथ मिलाने और अपनी सही पूंजी की रक्षा करने का समय आ गया है. हमें सामूहिक संकल्प और स्पष्टता के साथ जवाब देना चाहिए.

पंजाब सरकार की आलोचना

उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की आलोचना करते हुए इसे राज्य के इतिहास में सबसे कमजोर प्रशासनों में से एक बताया. बाजवा ने कहा कि अपने 3.5 साल के कार्यकाल में, आप सरकार पंजाब के मूल हितों की रक्षा करने में पूरी तरह से विफल रही है, जिससे राज्य के संवैधानिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर बार-बार अतिक्रमण की अनुमति मिली है.

वहीं प्रस्तावित 131वां संविधान संशोधन को लेकर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने चंडीगढ़ के दर्जे पर केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा. उन्होंने पंजाब से चंडीगढ़ छीनने की किसी भी कोशिश के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी, क्योंकि यह पूरी तरह से गैर-जरूरी है.

इसके साथ ही, उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी स्थिति साफ करने की अपील की है. उन्होंने चेतावनी दी कि चंडीगढ़ पंजाब का है और इसे छीनने की किसी भी कोशिश के गंभीर नतीजे होंगे व उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार ऐसा कोई गलत कदम नहीं उठाएगी.

केंद्र सरकार के सामने यह मामला उठाएं

उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से भी अपील की है कि अगर ऐसा कोई प्रस्ताव है, तो बहुत देरी होने से पहले, इसे शुरुआत में ही रोकने के लिए तुरंत केंद्र सरकार के सामने यह मामला उठाएं. इस संबंध में, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट और सिंडिकेट को खत्म करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की तरफ से पहले जारी किए गए आदेशों की पृष्ठभूमि से जुड़ी गहरी आशंका जताई है. इन आदेशों को पंजाब के कड़े विरोध के बाद वापिस लिया गया है.

पंजाब की स्थिति किसी भी तरह से कमजोर नहीं

उन्होंने जोर देते कहा कि समय-समय पर केंद्र सरकारों ने वचनबद्धता जाहिर की है और दोहराया है कि चंडीगढ़ सिर्फ़ पंजाब का है व इसे उसके असली राज्य में ट्रांसफर करने में देरी से पंजाब की स्थिति किसी भी तरह से कमज़ोर नहीं होती है. उन्होंने केंद्र सरकार से स्थिति स्पष्ट करने और अगर उसके पास ऐसा कोई प्रस्ताव है, तो उसे तुरंत त्याग दिया जाए.

error

Enjoy this blog? Please spread the word :)

RSS
Follow by Email
Pinterest
LinkedIn
Share
Telegram
WhatsApp
Reddit