Mahoba News: लकड़ी के पुल पर ‘मौत का सफर’, मजबूरी में गांव वालों ने बनाया; कहा- किससे मांगें मदद?

Mahoba News: लकड़ी के पुल पर ‘मौत का सफर’, मजबूरी में गांव वालों ने बनाया; कहा- किससे मांगें मदद?

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में हुई भारी बारिश की चपेट में आकर कई गावों को हाइवे से जोड़ने वाला श्याम नदी पर बना दशकों पुराना पुल धराशायी हो गया. महीनों बीतने के बाद भी पुल का निर्माण न होने से परेशान ग्रामीणों ने जुगाड़ का सहारा लेकर लकड़ी का अस्थाई पुल बना लिया है. उसी पुल से आवागमन शुरू कर दिया. पुल से निकलने के दौरान ग्रामीणों को अनहोनी का डर सता रहा है. जुगाड़ से बना यह पुल बीमार और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने, पैदल और बाइक सवार राहगीरों सहित बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने स्कूल जाने का एक मात्र वैकल्पित मार्ग है.

इस पुल के टूटने के बाद ग्रामीणों ने कई बार उच्चधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को समस्या से अवगत कराया और समस्या का निस्तारण करने की मांग की. लेकिन महीनों बीतने के बाद भी समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है. परेशान ग्रामीणों ने शासन से पुल का निर्माण कराने की गुहार लगाई है. हालांकि प्रशासन द्वारा निर्माण होने तक वैकल्पिक मार्ग बनाने और लकड़ी के पुल को बंद कराने की बात कही जा रही है.

दरअसल मामला कबरई विकासखंड के सिरसी कला गांव का है. जहां गांव को शहर से जोड़ने के लिए श्याम नदी पर बने टूटे पुल के पास एक चेतावनी लिखी गई है. जिसमें लिखा गया है कि यह पुल पैदल निकलने वालों के लिए और छात्रों के लिए जुगाड़ का रास्ता है. ग्रामीणों को डर था कि यदि यह पुल धराशाई हो गया तो हम लोगों को मुख्यालय से जोड़ने वाला संपर्क मार्ग टूट जाएगा.

50 साल पुराना पुल ढहा

ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों को जर्जर पुल के बारे में शिकायत दर्ज कराकर नए पुल का निर्माण कराने की मांग की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इस वर्ष हुई भीषण बारिश में 50 वर्ष पुराना पुल नदी के तेज बहाव में बह गया. ग्रामीण कई दिनों तक अधिकारियों से पुल का निर्माण कराने की गुहार लगाते रहे लेकिन सुनवाई न होने पर थके हरे लोगों ने आवागमन के लिए जुगाड़ का रास्ता अपना लिया. लकड़ी का एक सकरा अस्थाई पुल बनाकर उससे गुजरने के लिए मजबूर हैं.

अस्थाई पुल से गुजर रहे लोग

ग्रामीणों द्वारा आवागमन के लिए बनाये गए अस्थाई पुल का रास्ता भी जर्जर हालत में है,जो जोखिम भरा है. लेकिन कोई दूसरा संपर्क मार्ग न होने से प्रतिदिन हजारों ग्रामीण छात्र-छात्राएं,महिलाएं और दो पहिया वाहन इस पुल से गुजरते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इस अस्थाई पुल पर भी कभी कोई बड़ी घटना हो सकती है. जब छात्र, छोटे बच्चे पुल से गुजरते हैं उस दौरान एक ग्रामीण की ड्यूटी रहती है.

मख्य विकास अधिकारी ने क्या कहा?

मुख्य विकास अधिकारी बलराम कुमार एवं एसडीएम सदर शिवध्यान पांडेय ने बताया कि पुल के निर्माण के लिए बजट का आवंटन हो गया है. जल्द ही निर्माण कर शुरू कराया जाएगा. अब तक वैकल्पिक मार्ग बनाने और ग्रामीणों द्वारा बनाए गए अस्थाई लकड़ी के पुल को हटाने के निर्देश लोक निर्माण विभाग को दिए गए हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि ग्रामीणों की इस समस्या का कब तक समाधान हो पाता है.

(रिपोर्ट-विराग पचौरी/महोबा)

error

Enjoy this blog? Please spread the word :)

RSS
Follow by Email
Pinterest
LinkedIn
Share
Telegram
WhatsApp
Reddit
Scroll to Top