दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल में रोजाना 2400 से 2600 मीट्रिक टन (एमटी) कचरा आता है, लेकिन वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट में सिर्फ 700 से 1000 एमटी ही प्रोसेस हो पाता है। बाकी कचरा बायो-माइनिंग से बनी सीमित जगह पर डाला जाता है, क्योंकि ऊंचाई बढ़ाने की मनाही है।
