
मध्य प्रदेश की सिवनी पुलिस इन दिनों लगातार भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर सुर्खियों में है. कुछ दिन पहले ही हवाला मनी लूटकांड में पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई थी. वहीं अब जिले की कानून-व्यवस्था पर फिर से सवाल उठ रहे हैं. केवलारी थाना में पदस्थ एक प्रधान आरक्षक को लोकायुक्त पुलिस ने 75 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ ट्रैप ही किया था कि इसके कुछ घंटे बाद लखनवाड़ा में एएसआई का रिश्वत की मांग करने का ऑडियो वायरल हो गया. इसके बाद सिवनी पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता ने एएसआई नानकराम पाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.
जबलपुर लोकायुक्त टीम ने की कार्रवाई
दरअसल, पहली बड़ी कार्रवाई आज 16 अक्टूबर को तब सामने आई, जब लोकायुक्त पुलिस जबलपुर की टीम ने केवलारी थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक मनीष कुमार पटवा को 75,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया. आरोप है कि आरोपी ने ठेकेदार से एफआईआर दर्ज करने के एवज में पांच लाख रुपए की भारी-भरकम रिश्वत मांगी थी. शिकायतकर्ता नितिन पाटकर जो नगर परिषद केवलारी में सीसी रोड और नाली निर्माण का ठेका कर रहे थे, ने बताया कि उन्होंने यह काम राय कंस्ट्रक्शन राहुल राय, सिवनी) को पेटी ठेके पर दिया था, लेकिन पेटी ठेकेदार ने घटिया कार्य कर उनके साथ आर्थिक धोखाधड़ी की. जब पाटकर ने इसकी शिकायत केवलारी थाने में दर्ज कराने की कोशिश की तो प्रधान आरक्षक पटवा ने एफआईआर दर्ज करने के बदले पांच लाख रुपए की मांग की.
75 हजार रुपए लेते गिरफ्तार
पाटकर ने यह मामला लोकायुक्त पुलिस जबलपुर में दर्ज कराया. जांच में यह पुष्टि हुई कि पटवा पहले ही 25 हजार की राशि ले चुका है. सत्यापन के बाद लोकायुक्त निरीक्षक उमा कुशवाहा के नेतृत्व में जाल बिछाया गया और आज की कार्रवाई में पटवा को रिश्वत की दूसरी किस्त 75 हजार लेते हुए थाने के भीतर ही गिरफ्तार किया गया. इस मामले में आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7, 13(1)(B) और 13(2) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है.
ASI का रिश्वत मांगते ऑडियो वायरल
इसी बीच, सिवनी में एक और मामला सामने आया, जिसने पुलिस को हिलाकर रख दिया. लखनवाड़ा थाना क्षेत्र के एएसआई नानकराम पाल का रिश्वत मांगने का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. ऑडियो में लखनवाड़ा एएसआई कथित रूप से किसी मामले में रुपए की मांग करते सुने जा रहे हैं. इसके बाद पीड़ित ने मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र देते हुए कार्रवाई की मांग की थी. पीड़ित ने बताया कि गोपालगंज के पास पुलिस ने शराब पकड़ने का मामला बनाया, लेकिन उसका इससे कोई लेना-देना नहीं. पुलिस ने जबरदस्ती उसका नाम लिख दिया और 2000 रुपए की मांग करने लगे. जब पैसा नहीं दिया तो झूठा केस में फंसा देने की धमकी देने लगे, जिसका बातचीत का ऑडियो पीड़ित ने अपने मोबाइल पर रिकॉर्ड कर लिया.
SP ने ASI को किया सस्पेंड
इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए सिवनी पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता ने कड़ा कदम उठाया. आवेदक लक्ष्य उर्फ कुलदीप साहम निवासी ग्राम गोपालगंज ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में लिखित शिकायत के साथ ऑडियो रिकॉर्डिंग प्रस्तुत की थी. जांच में प्रथम दृष्टया एएसआई नानकराम पाल का आचरण संदिग्ध पाया गया, जिसके बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर रक्षित केंद्र सिवनी से संबद्ध किया गया. निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार वेतन-भत्ते की पात्रता दी जाएगी.
हवाला मनी लूटकांड से चर्चा में सिवनी पुलिस
ये दोनों घटनाएं ऐसे समय पर सामने आई हैं, जब सिवनी पुलिस पहले से ही तीन करोड़ के हवाला मनी लूटकांड को लेकर आलोचना के घेरे में है, जिसमें सीएसपी पूजा पांडे सहित 11 पुलिसकर्मियों पर डकैती और अपहरण जैसे गंभीर आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया था. लगातार सामने आ रहे इन भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामलों ने सिवनी पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं. एक ओर जहां लोकायुक्त पुलिस लगातार भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा कस रही है तो वहीं दूसरी ओर विभाग के भीतर नैतिक अनुशासन और जवाबदेही को लेकर सवाल उठ रहे हैं.