Viral: AI की मदद से लिया फ्री का रिफंड, तकनीक का ये इस्तेमाल देख भन्ना जाएगा आपका माथा

Viral: AI की मदद से लिया फ्री का रिफंड, तकनीक का ये इस्तेमाल देख भन्ना जाएगा आपका माथा

AI का तेज विकास जितना उपयोगी साबित हो रहा है, उतनी ही तेजी से उसके दुरुपयोग की घटनाएं भी सामने आ रही हैं. कई लोग तकनीक का इस्तेमाल सच्चाई को मोड़ने, नकली सबूत तैयार करने और डिजिटल प्लेटफॉर्मों को धोखा देने में कर रहे हैं. ऐसी हरकतें न सिर्फ भरोसे को कमजोर करती हैं, बल्कि उन सेवाओं को भी बड़ा नुकसान पहुंचाती हैं जिनकी नींव ईमानदारी और विश्वसनीयता पर टिकी है. असल समस्या तकनीक नहीं है. समस्या है इंसानी लालच और वे खामियां जो आज भी कई प्रणालियों को पुराने ढर्रे पर चलने को मजबूर करती हैं. अगर समय रहते मजबूत जांच व्यवस्था और आधुनिक सुरक्षा तकनीकें लागू नहीं की गईं, तो AI के गलत उपयोग से समाज, कारोबार और सच्चाई की पहचान सभी प्रभावित हो सकती हैं.

इसका ताजा उदाहरण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सामने आया, जहां यूजर @kapilansh_twt ने कुछ तस्वीरों के साथ एक घटना साझा की. पोस्ट में दिखाया गया कि किसी ने अंडों की एक ट्रे मंगाई थी. पहली तस्वीर में स्पष्ट था कि सिर्फ एक अंडा टूटा हुआ था. दूसरी तस्वीर में उसने AI टूल को निर्देश देकर कई अंडों को टूटा हुआ दिखा दिया, जबकि बाकी फ्रेम वैसा ही रखा गया. अगली तस्वीर में पूरी ट्रे टूटी हुई नजर आती है, जिसे उस व्यक्ति ने सपोर्ट टीम को भेज कर रिफंड की मांग की और सफलतापूर्वक रिफंड भी हासिल कर लिया. यह पोस्ट तेजी से वायरल हुई और लाखों लोगों ने इसे देखा और लाइक किया.

ऐसे किया पूरा पैसा वसूल

घटना का मूल किस्सा यही था कि ग्राहक ने Instamart से अंडे मंगाए थे. सामान्य स्थितियों में उसे केवल एक अंडे की शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी. लेकिन उसने Gemini Nano जैसे मॉडल की मदद से कुछ सेकंड में पूरी ट्रे को टूटी हुई दिखाने वाली छवि बना ली. तस्वीर इतनी वास्तविक लगी कि यह पहचानना आसान नहीं था कि वह एडिटेड है. सपोर्ट टीम ने फोटो देखकर पूरा रिफंड जारी कर दिया और मामला वहीं खत्म हो गया.

यहां सोचने वाली बात है कि हमारी रिफंड प्रणालियां उस दौर में बनाई गई थीं जब तस्वीरें प्रमाण के रूप में भरोसेमंद मानी जाती थीं. अब ये प्रणालियां ऐसे समय से गुजर रही हैं जब 2025 की AI तकनीक किसी भी तस्वीर को इतनी वास्तविकता के साथ बदल सकती है कि प्लेटफॉर्म उन्हें पहचान ही नहीं पाते. अगर ऐसे तरीके सिर्फ एक छोटे प्रतिशत यूजर्स ने भी अपनाने शुरू कर दिए, तो क्विक कॉमर्स कंपनियों की लागत पूरी तरह बिगड़ सकती है और उनका मॉडल टिकाऊ नहीं रह पाएगा.

यहां देखिए पोस्ट

ये घटना याद दिलाती है कि तकनीक का उपयोग जितना आसान हुआ है, उसकी जिम्मेदारी भी उतनी ही बढ़ गई है. AI हमारे काम को सरल बनाने के लिए बना है, लेकिन यह तय करना समाज और सिस्टम का काम है कि उसका इस्तेमाल ईमानदारी से हो. अब जरूरत है ऐसे समाधान खोजने की जो AI के दुरुपयोग को रोक सकें और प्लेटफॉर्मों की विश्वसनीयता को बनाए रखें.

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