Viral Video: रात 11 बजे मुंबई लोकल का ऐसा होता है हाल, वीडियो बनाकर महिला ने दिखा दी सच्चाई

Viral Video: रात 11 बजे मुंबई लोकल का ऐसा होता है हाल, वीडियो बनाकर महिला ने दिखा दी सच्चाई

अक्सर कहा जाता है कि मुंबई कभी सोती नहीं है. यह बात हम सभी ने कई बार सुनी है, लेकिन जब बात महिलाओं की सुरक्षा की आती है, तो इस शहर की असली पहचान कम ही शब्दों में सामने आ पाती है. हाल ही में सोशल मीडिया पर सामने आया एक अनुभव मुंबई में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को बेहद सहज और भरोसेमंद तरीके से दिखाता है. यह अनुभव राधा नाम की एक महिला ने शेयर किया है. उन्होंने अपनी पोस्ट की शुरुआत एक सीधे सवाल से की है कि आखिर मुंबई को इतना खास क्या बनाता है. इसके जवाब में वह बिना किसी लाग-लपेट के कहती हैं कि महिलाओं की सुरक्षा ही इस शहर की सबसे बड़ी ताकत है. उनके शब्दों में कोई नाटकीयता नहीं है, बल्कि एक आम महिला का भरोसा साफ झलकता है.

राधा बताती हैं कि वह रात करीब 11 बजे अपने रिश्तेदारों से मिलकर घर लौट रही थीं. आम तौर पर इस समय अकेले सफर करना कई महिलाओं के लिए चिंता की बात हो सकती है, लेकिन उनके चेहरे पर डर नहीं बल्कि सुकून था. इसकी वजह थी मुंबई की लोकल ट्रेन, खास तौर पर उसका लेडीज कंपार्टमेंट. उस वक्त डिब्बा पूरी तरह भरा हुआ था और आसपास कई महिलाएं मौजूद थीं. इस माहौल ने उन्हें अकेलापन महसूस नहीं होने दिया. वह आगे बताती हैं कि उसी कोच में एक पुलिस अधिकारी भी मौजूद था. यह बात उनके लिए काफी मायने रखती थी. राधा के अनुसार, मुंबई की लोकल ट्रेनों में महिलाओं के लिए यह कोई असामान्य बात नहीं है. कई बार हर कोच में पुलिस की मौजूदगी देखने को मिल जाती है. यह व्यवस्था महिलाओं के मन से डर को काफी हद तक कम कर देती है.

मुंबई की महिलाएं सुरक्षित

राधा का मानना है कि मुंबई में महिलाएं कभी खुद को अकेला नहीं समझतीं. चाहे देर रात हो या भीड़भाड़ वाला समय, आसपास का माहौल उन्हें भरोसा देता है. पुलिस, अन्य महिलाएं और सार्वजनिक व्यवस्था मिलकर एक ऐसा वातावरण बनाते हैं जहां डर की जगह आत्मविश्वास नजर आता है. उन्होंने अपने 25 सेकंड के वीडियो में भी यही दिखाने की कोशिश की है. वीडियो छोटा है, लेकिन संदेश साफ है. रात के समय भी मुंबई की महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकती हैं. उन्हें यह एहसास नहीं होता कि वे किसी अनजान या असुरक्षित जगह पर हैं. इसके पीछे सिर्फ पुलिस ही नहीं, बल्कि शहर की सोच और लोगों का रवैया भी अहम भूमिका निभाता है.

मुंबई की लोकल ट्रेनें सिर्फ सफर का जरिया नहीं हैं, बल्कि महिलाओं के लिए एक सुरक्षित स्थान भी बन चुकी हैं. लेडीज कंपार्टमेंट में मौजूद महिलाएं एक-दूसरे के लिए अनकहा सहारा बन जाती हैं. अगर किसी को मदद की जरूरत हो, तो सामने वाली बिना पूछे साथ खड़ी हो जाती है. यही सामूहिक भावना इस शहर को अलग बनाती है. राधा का अनुभव कोई अकेली कहानी नहीं है. कई महिलाएं समय-समय पर ऐसे किस्से साझा करती रही हैं, जो दिखाते हैं कि मुंबई में सुरक्षा सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं है. यहां व्यवस्था जमीन पर काम करती नजर आती है. पुलिस की मौजूदगी, ट्रेन स्टाफ की सतर्कता और यात्रियों का सहयोग मिलकर महिलाओं के लिए सफर को आसान बनाता है.

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यह कहना गलत नहीं होगा कि मुंबई पूरी तरह परफेक्ट है या यहां कोई समस्या नहीं है. लेकिन जिस तरह से यह शहर महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है, वह काबिले तारीफ है. राधा का अनुभव इसी बात की याद दिलाता है कि सुरक्षित माहौल सिर्फ नियमों से नहीं, बल्कि भरोसे से बनता है. रात के समय भी बिना घबराए सफर करना हर महिला का हक है. मुंबई इस हक को काफी हद तक निभाती नजर आती है. शायद इसी वजह से यह शहर सिर्फ कभी न सोने के लिए नहीं, बल्कि कभी अकेला न महसूस कराने के लिए भी जाना जाता है.

यहां देखिए वीडियो

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