अमेरिका-रूस से लेकर इजराइल तक… दुनिया ने महसूस की भारत की बढ़ती ताकत, समझें कैसे

गुरुवार शाम प्रधानमंत्री आवास पर एक फोन बजा. एक कॉल, जिसने दुनिया को भारत की बढ़ती ताकत का एहसास करवा दिया. लेकिन ये कहानी सिर्फ गुरुवार शाम से शुरू नहीं हुई. पिछले एक हफ़्ते में एक के बाद एक ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने सबको यही कहने पर मजबूर कर दिया ईस्ट हो या वेस्ट- India is the Best. या साफ शब्दों में कहें- India is in Demand.

आइए शुरुआत उसी फोन कॉल से करते हैं. कल शाम, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने PM मोदी से गुरुवार शाम को फोन पर सीधी बातचीत की. चर्चा भारत और अमेरिका के बीच होने वाली ट्रेड डील को लेकर हुई. साथ ही स्ट्रैटेजिक कोऑपरेशन और फ्यूचर विजन पर भी बात हुई.

भारत के दौरे पर अमेरिका की हाई लेवल ट्रेड टीम

यह कॉल उस समय पर आया है, जब अमेरिका की एक हाई लेवल ट्रेड टीम भारत के दौरे पर आई है. उसी टीम के ट्रेड प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीयर का कहना है कि भारत ने एग्रीकल्चर सेक्टर को लेकर अब तक का ‘सबसे अच्छा ऑफर’ दिया है. अब आप डॉट्स कनेक्ट कीजिए, टोन देखिए. यह वही ट्रंप हैं जिन्होंने भारत पर 50 प्रतिशत का भारी भरकम टैरिफ लगाया हुआ है. और वो भी क्यों, क्योंकि उनके मुताबिक भारत रूस से तेल खरीदकर वॉर फंडिंग कर रहा है.

ग्लोबल पावर बैलेंस में माहिर भारत

खैर अब वो भी देख लीजिए कि भारत कैसे अब ग्लोबल पावर बैलेंस में माहिर हो चुका है. ठीक वैसे ही जैसे आपके वॉट्स ग्रुप में कोई एक होता है जो सबसे बात करता है. बिना किसी के दबाव में आए काम के मेरिट पर सबकी तारीफ करता है और अपने हिसाब से अपनी राय देता है या अपने फैसले खुद अपने हिसाब से लेता है.

भारत ने पुतिन का किया ग्रैंड वेलकम

क्योंकि कहानी यहीं खत्म नहीं होती, ट्रंप का फोन तो बस ट्रेलर था. उससे पहले पिछले सात दिनों में जो घटनाएं हुईं, उन्होंने भारत की ग्लोबल डिमांड को पूरी तरह साबित कर दिया. ट्रंप के कॉल से पहले भारत में रूस के राष्ट्रपति पुतिन दो दिन के दौरे पर आए हुए थे. उस दौर में जब ट्रंप और यूरोप मिलकर प्रेशर बना रहे हों कि वो रूस से रिश्ते तोड़ें. लेकिन भारत ने पुतिन का जो ग्रैंड वेलकम किया यह वही बताता है, जो मैं आपको भी वॉट्सएप ग्रुप वाली कहानी बता रहा था.

2030 तक का एक विजन

भारत और रूस की कंपनियों के बीच कारोबारी पार्टनरशिप को लेकर कई करार हुए और खासकर आर्थिक संबंधों में एक दूसरे के हाथ मजबूत करने को लेकर 2030 तक का एक विजन रखा गया. अब आप बताइए ईस्ट और वेस्ट दोनों तो इंडिया के पास आ गए. यही तो मैं कह रहा हूं ईस्ट और वेस्ट इंडिया इज द बेस्ट.

मामला यहीं नहीं रुकता, इन दोनों के बीच एक और देश है, जो इस वक्त बहुत ज्यादा चर्चा में है और दुनिया में उसको लेकर भी बहुत बातें हो रहीं हैं. वह देश है इजराइल, जिसके दुनिया के तमाम मुस्लिम देशों से बिल्कुल नहीं बनती. लेकिन भारत यूएई, सऊदी अरब और ईरान जैसे मुस्लिम देशों के साथ भी अपने अच्छे संबंध रखता रखता है और इजराइल के साथ भी.

भारत आने वाले हैं नेतन्याहू

नेतन्याहू भारत आने वाले हैं. दोनों देशों के बीच ट्रेड डील पर तेजी से बात हो रही है. नेतन्याहू ने बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी को फोन करके गाजा शांति प्लान के बारे में बताया. सोचिए भारत की डिप्लोमेसी और भारत का मल्टीपोलर एलाइनमेंट आखिर किस तरह से दुनिया में एक मिसाल बन गया है. और इसी कूटनीतिक गर्मी के बीच दिल्ली की सर्द सड़कों पर पिछले मंगलवार को एक अलग तरह का ट्रैफिक दिखा. यहां हॉर्न और जाम तो नहीं था. लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों के CEO एकएक कर PM मोदी से मिलने के लिए कतार में खड़े थे. और वो भी अमेरिकी दिग्गज कंपनियां.

सत्या नडेला की पीएम मोदी से मुलाकात

ये सिर्फ़ मुलाक़ातें नहीं थी. भारत के लिए ऑपर्च्युनिटीज की वो itenary थी, जिसके जरिए भारत टेक ट्रैवल के महामार्ग पर फर्राटा भरने वाला था. इनमें सबसे बड़ा नाम था सत्या नडेला. वैसे जन्म तो इनका भारत के हैदराबाद में हुआ लेकिन ये दुनिया की सबसे बड़ी IT कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ हैं.

17.5 बिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान

PM मोदी से मुलाक़ात के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में 17.5 बिलियन डॉलर के निवेश का ऐतिहासिक ऐलान किया. बड़ी बात यह है कि यह माइक्रोसॉफ्ट का एशिया में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है. तो सोचिए इतनी धुरंधर आईटी कंपनी जिसको दुनिया भर में कहीं भी जहां चाहे वह काम कर सकती हैं वह अगर भारत में इस तरह का निवेश कर रही है तो उसको भारत की ग्रोथ के बारे में. भारत के भविष्य के बारे में क्या दिख रहा होगा. ये निवेश AI, Cloud और Data Centers पर किया जाएगा.

Intel के CEO ने भी की मुलाकात

दूसरी मुलाकात हुई, Intel के CEO लिप-बू टैन की, जिन्होंने PM मोदी से कहा- भारत के सेमिकंडक्टर मिशन को Intel पूरी ताक़त से सपोर्ट करेगा. इंटेल 200 Billion डॉलर से ज्यादा की वैल्यू वाली चिप दिग्गज कंपनी है और दुनिया के 70% कंप्यूटर Intel से चलते हैं. ये नॉर्मल बात नहीं है.

दुनिया के लिए सबसे बड़ी करेंसी सेमीकंडक्टर

आज सेमीकंडक्टर दुनिया के लिए सबसे बड़ी करेंसी बन चुके हैं. हर देश इसमें तेज़ी से निवेश कर रहा है और अगर इंटेल जैसी कंपनी भारत में सेमीकंडक्टर सेगमेंट में निवेश करती है तो भारत एक बहुत बड़ा ग्लोबल सेमी कंडक्टर हब बनने की ओर आगे बढ़ चुका है जो उसको न केवल एक आर्थिक ताकत देगा बल्कि बहुत बड़ी रणनीतिक एडवांटेज देगा. एक लाइन में समझिए कि भविष्य का हथियार चिप है और Intel भारत को हथियारबंद कर रहा है.

ग्लोबल AI टैलेंट का हब बनने जा रहा भारत

तीसरी मुलाकात थी, कॉग्निजेंट की लीडरशिप की, जिसमें उनके सीईओ और डायरेक्टर ने पीएम मोदी से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि भारत अब ग्लोबल AI टैलेंट हब बनने जा रहा है. ये कंपनी Fortune 500 जायंट है और भारत इसका सबसे बड़ा workforce बेस है. इससे IT + AI की hybrid jobs पैदा होंगी. Analytics, Cloud, Consulting में होगी मास हायरिंग. एंटी लेवल ग्रेजुएट्स के लिए बड़ा फायदा होगा.

Amazon ने भी मौके पर चौका मारा

बात यहीं नहीं थमती, इसी समय Amazon ने भी मौके पर चौका मारा. कंपनी ने ऐलान किया कि वो 2030 तक भारत में 35 Billion Dollar का निवेश करेगी. अमेजन दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स ताकत है. इससे Logistics, warehouse, delivery में लाखों नौकरियां पैदा होंगी. Gig economy को बूस्ट मिलेगा. यह ठीक वैसा ही है जैसे रेस में जीतने वाले घोड़े पर हर कोई दांव लगाना चाहता है और अमेजन भला उसमें पीछे कैसे रहे.

इंडिया मोड में आ गईं टेक महाशक्तियां

ट्रंप, पुतिन और नेतन्याहू पीएम मोदी से बात कर रहे हैं उनसे मिल रहे हैं उनको कॉल कर रहे हैं. माइक्रोशॉफ्ट, इंटेल, Cognizant, Amazon चारों टेक महाशक्तियां एक सप्ताह में इंडिया मोड में आ गईं हैं. भारत अब सिर्फ बाजार नहीं है, बल्कि यह 21वीं सदी के पावर मैप का OG बन चुका है. बोले तो असली खिलाड़ी बोले तो धुरंधर और आगे इसका असर जल्द आपको दिखने भी लगेगा.

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