एनडीए गठबंधन में सीट शेयरिंग की घोषणा के बाद घटक दलों के बीच तनाव का माहौल देखने को मिल रहा है. इस बीच बीजेपी के नेता एनडीए में तनाव को दूर करने और बेहतर समन्यवय बनाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. गठबंधन के नेताओं में ये बेचैनी चिराग पासवान को न केवल 29 सीट देने से उत्पन्न हुई है बल्कि उन पसंदीदा सीटों को दिए जाने को लेकर भी है जो कभी बीजेपी का गढ़ हुआ करती थी.
खासकर बीजेपी की मजबूत पकड़ वाली सीटें जैसे ब्रह्मपुर, गोविंदगंज, अरवल, हिसुआ और दानापुर जैसी सीटों को लोजपा (रामविलास) को दिए जाने से भी असहजता बढ़ी है. 29 सीटें लेने में कामयाब रही चिराग पासवान की पार्टी का दावा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में गठबंधन के तहत उसे दी गई सभी पांच सीटें जीतने के बाद उसका स्ट्राइक रेट 100% रहा साथ ही 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी को एक ही सीट मिली जिसे जितने में वो सफल रही.
100% स्ट्राइक रेट पर कसा तंज
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लोजपा (रामविलास) के 100% स्ट्राइक रेट पर तंज कसते हुए X पर पोस्ट किया कि ये होता है असली स्ट्राइक रेट. आज मजबूत सीट लेकर स्ट्राइक रेट का झुनझुना बजा रहे हैं. 2010 के बिहार चुनाव में एनडीए ने इतिहास रचा था. 243 में से 206 सीटें जीती थीं. जेडीयू ने 141 में से 115 सीटें जीतीं, मतलब स्ट्राइक रेट 81%, जबकि बीजेपी ने 102 में से 91 सीटें जीतीं, यानी स्ट्राइक रेट 89%. इतनी प्रचंड जीत बिहार की राजनीति में फिर कभी नहीं दोहराई गई. तब भी धर्मेंद्र प्रधान जी प्रभारी थे और आज भी वही हैं.
मांझी के पार्टी कार्टकर्ता नाखुश
वहीं हम पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने पटना में मीडिया के सामने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता छह सीटों से नाखुश हैं. उन्होंने कहा, 2020 में हमने आठ सीटों पर चुनाव लड़ा था. इसलिए उम्मीद थी कि कम से कम हमें इतनी सीटें तो मिलेंगी ही. पार्टी कार्यकर्ताओं में उदासी है. लेकिन हम प्रधानमंत्री मोदी के साथ हैं और अगर कोई फैसला हुआ है, तो हम उसका पालन करेंगे और एनडीए की जीत सुनिश्चित करेंगे.
एनडीए की सहयोगी आरएलएम नेता उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी नाराज़गी एक्स के ज़रिए ज़ाहिर की. सोमवार को उन्होंने हिंदी में एक दोहा पोस्ट किया, जिसका मतलब था कि बादल उनके ख़िलाफ साजिश कर रहे थे, और जहां उनका घर था, वहीं बरस गए. उन्होंने आगे लिखा कि अगर आसमान बिजली गिराने की ज़िद करता है, तो उन्हें भी वहीं अपना घोंसला बनाने की ज़िद है. हालांकि उन्होंने ये भी लिखा है कि वो एनडीए को जीत दिलाने में पूरी मेहनत से काम करेंगे लेकिन कार्यकर्ताओं की मनोदशा व्यक्त करते हुए उन्होंने अपना दुख भी प्रकट कर डाला.
हालांकि सोमवार को दिन भर पटना और दिल्ली में एनडीए के सहयोगियों के बीच मतभेदों को दूर करने के लिए वार्ता और कई बैठकें हुईं, जिसमें बीजेपी नेता धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े, नित्यानंद राय, नितिन नवीन सरीखे नेता बैठकें करते रहे.
एनडीए की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थगित
इस बीच सोमवार शाम 4 बजे होने वाली एनडीए की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थगित कर दी गई. बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि एनडीए उम्मीदवारों की सूची मंगलवार (आज) को घोषित की जाएगी. 15 अक्टूबर से एनडीए उम्मीदवार नामांकन दाखिल करना शुरू कर देंगे. इसमें एनडीए के कई राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एनडीए घटक दलों के बीच कुछ सीटों की अदला बदली और कुछ उम्मीदवारों को एक दूसरे की टिकट पर चुनाव लड़ाने की कवायद के चलते सोमवार को मीडिया से बातचीत टाल दी गई. साथ ही सोमवार को दिन भर इंडिया गठबंधन के महत्वपूर्ण सहयोगी दल वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी को लेकर भी तरह तरह की चर्चाएं चलती रही.
इंडिया गठबंधन के नेता के साथ बैठक नहीं
मुकेश सहनी दिल्ली में इलाज के लिए पहुंचे थे, जहां उनकी इंडिया गठबंधन के किसी भी नेता के साथ कोई बैठक नहीं हो सकी, जबकि लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और तमाम कांग्रेस के नेता दिल्ली में मौजूद थे. चर्चा ये भी है कि इंडिया गठबंधन में उचित सीट नहीं मिलने पर मुकेश सहनी एनडीए का रुख कर सकते हैं और इसके लिए उन्होंने एनडीए के लिए अपना दरवाजा खोल रखा है. लेकिन सहनी के करीबी नेताओं और बीजेपी के सूत्रों ने इस बात को खारिज किया और कहा कि अब एनडीए गठबंधन का हाउस फुल हो चुका है. बहरहाल आज एनडीए नेताओं की मीडिया से वार्ता और अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की संभावना है.