Bihar Bulletin: NDA की बढ़ी टेंशन, केंद्र सरकार तालिबानी संस्कृति की समर्थकपढ़ें बिहार की सियासत से जुड़ी बड़ी खबरें

Bihar Bulletin: NDA की बढ़ी टेंशन, केंद्र सरकार तालिबानी संस्कृति की समर्थकपढ़ें बिहार की सियासत से जुड़ी बड़ी खबरें

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सियासी माहौल गरमा गया है. सभी दल जनता को साधने और अपना-अपना समीकरण सेट करने में जुट गए हैं. इस कड़ी में जहानाबाद के पूर्व सांसद डाॅ. अरुण कुमार ने अपने बेटे ऋतुराज कुमार समेत कई प्रमुख नेताओं के साथ जेडीयू परिवार में फिर घर-वापसी की. वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि नई दिल्ली में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में महिला पत्रकारों को प्रवेश से रोक दिया जाना भारतीय संस्कृति पर गहरा आघात है.

1- जेडीयू में शामिल हुए पूर्व सांसद अरूण कुमार

राजधानी स्थित जनता दल (यू) प्रदेश कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में जहानाबाद के पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ नेता डाॅ. अरुण कुमार ने अपने पुत्र ऋतुराज कुमार सहित कई प्रमुख नेताओं के साथ जेडीयू परिवार में फिर घर-वापसी की. पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई.

इस अवसर पर संजय कुमार झा ने कहा कि डाॅ. अरुण कुमार का जेडीयू परिवार में गर्मजोशी से स्वागत करते हुए उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं. उन्होंने कहा कि उनकी घर-वापसी से एनडीए को और मजबूती मिलेगी तथा आगामी विधानसभा चुनाव में इसका बड़ा लाभ प्राप्त होगा.

2- केंद्र सरकार महिला विरोधी तालिबानी संस्कृति की समर्थक: कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में शनिवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि नई दिल्ली में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में महिला पत्रकारों को प्रवेश से रोक दिया जाना सिर्फ़ भारतीय संस्कृति पर गहरा आघात है. यह तालिबानी सोच के भाजपाई राजनीतिक पोषण का संकेत है.

यह वही मानसिकता है जो महिलाओं को आवाज़, शिक्षा, और अधिकार से वंचित कर रही है और अब उसी की छाया भारत के लोकतंत्र में दिखाई देने लगी है. मोदी सरकार इतना गिर जाएगी इसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी. आज तालिबानी मानसिकता नई दिल्ली में केंद्र की बीजेपी सरकार की सत्ता की सरपरस्ती में देखने को मिली. जब भारत की धरती पर अफगान के मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को सिर्फ़ इसलिए रोका गया कि वे महिलाएं हैं. इस पर पीएम मोदी की मौन सहमति बेहद शर्मनाक है.

3- भ्रष्टाचार और तानाशाही के खिलाफ पूरा बिहार बोल रहा है: भाकपा माले

लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर शनिवार को भाकपा (माले) महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने गांधी मैदान स्थित जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि तानाशाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना बिहार की परंपरा रही है, और आज पूरा बिहार फिर उसी विरासत को आगे बढ़ा रहा है.

दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण तानाशाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ चले ऐतिहासिक आंदोलन के प्रेरणा स्रोत थे. आज जब देश में फिर से लोकतंत्र पर हमले हो रहे हैं, तब बिहार को एक बार फिर जेपी के रास्ते पर चलकर बीजेपी-जेडीयू की तानाशाही से मुक्ति की भूमिका निभानी है.

4- सुभासपा ने बिहार में चुनाव लड़ने का किया दावा

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व राज्य मंत्री अरविंद राजभर ने एनडीए के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की. पटना में एक पत्रकार वार्ता के दौरान राजभर ने कहा कि एनडीए के शीर्ष नेताओं से 29 सीटों को लेकर बातचीत हुई है. बिहार में लगभग 29 सीटों पर उनकी तैयारी है. बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के सहयोगी के तौर पर चुनाव लड़ने की इच्छा है. अरविंद राजभर ने साफ तौर पर कहा कि यदि एनडीए बिहार में उनका सहयोग नहीं करती है तो 153 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का काम सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी करेगी.

5- बिहार की जनता विकास और स्पष्ट नेतृत्व पर करेगी भरोसा- जेडीयू

जेडीयू प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा ने शनिवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक ओर जहां एनडीए गठबंधन पूरी प्रतिबद्धता और स्पष्ट नेतृत्व के साथ जनसेवा के संकल्प को दोहरा रहा है, वहीं दूसरी ओर महागठबंधन की स्थिति आज भी असमंजस और आंतरिक भ्रम की शिकार है. उन्होंने कहा कि आरजेडी की ओर से बार-बार यह दावा किया जा रहा है कि वह नेतृत्व करने के लिए तैयार है, परंतु उनके सहयोगी दलों की ओर से आ रहे बयान उनके नेतृत्व पर ही प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहे हैं.

कांग्रेस नेता पप्पू यादव द्वारा आरजेडी को बड़ा दिल दिखाने की सलाह देना यह स्पष्ट करता है कि भीतर ही भीतर असहमति और अविश्वास का माहौल है. जब गठबंधन के भीतर ही कोई एक-दूसरे को त्याग की नसीहत दे रहा हो, तो जनता के सामने उनकी एकता और नीति दोनों ही संदेह के घेरे में आ जाती हैं.

Enjoy this blog? Please spread the word :)

Exit mobile version