IRCTC घोटाला केस क्यों ट्रांसफर कराना चाहती हैं राबड़ी देवी? जज पर लगाया गंभीर आरोप

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने राउज एवेन्यू कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट और सेशंस जज के सामने एक अर्जी दी है, जिसमें उन्होंने उन जज से चार केस ट्रांसफर करने की मांग की गई है, जिन्होंने कथित आईआरसीटीसी (IRCTC) स्कैम केस में उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आरोप तय किए थे.

अपनी अर्जी में, राबड़ी देवी ने जज विशाल गोगने के सामने चार पेंडिंग केस ट्रांसफर करने की मांग की है. इनमें आईआरसीटीसी स्कैम केस और कथित लैंड-फॉर-जॉब्स केस, और उनसे जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की कार्रवाई शामिल है.

जज पर भेदभाव करने का आरोप

दरअसल, 13 अक्टूबर को, राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज विशाल गोगने ने आईआरसीटीसी केस में लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और कई अन्य लोगों के खिलाफ क्रिमिनल चार्ज तय किए थे. राबड़ी देवी ने जज पर भेदभाव करने का आरोप लगाया और कहा कि वह उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ पहले से सोची-समझी सोच के साथ मुकदमा चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि जज का गलत तरीके से प्रॉसिक्यूशन की तरफ झुकाव है.

प्रॉसिक्यूशन की तरफ झुकाव

राबड़ी देवी की याचिका में कहा गया है कि ऊपर बताए गए सभी मामलों में कार्रवाई के दौरान कई मौकों पर, स्पेशल जज का व्यवहार प्रॉसिक्यूशन की तरफ झुकाव और भेदभाव वाला लगता है, जिसे केस की कार्रवाई/ऑर्डर के कई उदाहरणों से देखा जा सकता है. इससे आवेदक के मन में भेदभाव की सही आशंका पैदा हुई है और न्याय, बराबरी और निष्पक्षता के हित में मामलों को सही अधिकार क्षेत्र वाली किसी दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने की जरूरत है.

फैसले की निष्पक्षता पर असर

याचिका में कहा गया है कि जज के व्यवहार से उनसे उम्मीद की जाने वाली निष्पक्षता पर असर पड़ता है और देवी के मन में भेदभाव की सही संभावना पैदा हुई है. एप्लीकेशन में आगे कहा गया है, यह आशंका किसी अंदाज़े या कल्पना पर आधारित नहीं है, बल्कि उन खास घटनाओं पर आधारित है, जो लालू स्पेशल जज के सामने पेंडिंग मामलों की प्रोसिडिंग के दौरान हुई हैं, जिसमें एप्लीकेंट एक आरोपी है.

रिश्वत के तौर पर प्राइम लैंड और शेयर

सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह राबड़ी देवी की तरफ से पेश हुए और जज विशाल गोगने को बताया कि एक एप्लीकेशन फाइल की गई है और इस पर जल्द ही सुनवाई होने की संभावना है. आपको बता दें कि IRCTC केस में, CBI ने आरोप लगाया है कि लालू यादव और उनके परिवार ने सेंट्रल रेल मिनिस्टर रहते हुए एक प्राइवेट फर्म को कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए रिश्वत के तौर पर प्राइम लैंड और शेयर लिए थे. इस केस में, कोर्ट ने लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ आरोप तय किए हैं.

वहीं लैंड-फॉर-जॉब केस में, आरोप यह है कि लालू यादव के सेंट्रल रेल मिनिस्टर रहने के दौरान, बिहार के कई लोगों को नौकरी दी गई थी और उसके एवज में उनकी जमीन लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के नाम की गई. ED इन मामलों में यादव और उनके परिवार के सदस्यों पर कथित मनी लॉन्ड्रिंग का केस चला रहा है.

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